जमानियाँ। गंगा के जलस्तर में लगातार बृद्धि जारी है। गंगा के उफान से नगर सहित तटवर्ती इलाकों में बेचैनी छाई है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से काफी उपर हो गया है। खतरा का निशान 63.105 मीटर से मंगलवार की शाम 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 64.270 मीटर हो गया है।
नगर के जमदग्नि-परशुराम घाट स्थित रामलीला मैदान पूरी तरह डूब गया है। जिससे स्नानार्थी को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। बडेसर के पास गंगा एन एच 97(24) को छूने को आतुर हो गई है। सिचाई विभाग के कर्मचारी ईट पत्थर के द्वारा बाधने का प्रयास कर रहे है ताकि पानी सड़क के पास न आ सके। देवरिया ग्राम के पास एन एच तक पानी पहँच गया तथा पुलिस चौकी सहित प्राथमिक विद्यालय पूरी तरह बाढ़ से घिर चुका है। तटवर्ती इलाकों में कटान भी तेज हो चुका है। वही तहसील क्षेत्र के रामपुर पट्टी, सरनाम खाँ, पाह सैयदराजा, कालनपुर, मलसा‚ देवरिया‚ पाह सैय्यदराजा‚ सब्बलपुर‚ मंझरीया‚ चितावनपट्टी‚ राघोपुर‚ जगदीशपुर व रघुनाथपुर बाड़, जीवपुर बाड़, मतसा बाड़, देवरिया बाड़ सहित कई आबादी क्षेत्रों में बाढ़ आ चुका है। बाढ़ की विभिषिका से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हहाकार मचा हुआ है। बाढ़ प्रभावित लोग पशुओं सहित गृहस्थी का सामान को लेकर नाव के द्वारा सुरक्षित स्थान पर पहुँचने का प्रयास कर रहे है। वही कुछ लोग सर पर गृहस्थी का सामान लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुँच रहे है। बाढ़ के कारण पशुओं के खाने का भूसा व हरा चारा सबकुछ नष्ट हो गया है। पशुओं के चारे का संकट गहरा गया है, लोग चारे को लेकर काफी परेशान हो गये है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक सुविधा देने का प्रशासन का दावा हवाहवाई साबित हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की कोई सुविधा अभी तक नही मिला। सिर्फ अधिकारी घूम कर चले जाते है। सुविधा न मिलने से स्थिति बद से बत्तर होती जा रही है। अभी भी बडी संख्या में लोग बाढ़ में फंसे हुए है। हांलाकि प्रशासन लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर रहा है तथा मांग के अनुसार नाव आदि का प्रबन्ध कर रही है। एसडीएम प्रतिभा मिश्ना ने गरूआमकसूदपुर व भगीरथपुर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया तथा राजस्वकर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया।