गाजीपुर। मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत तीसरे कार्यकाल का पहला बजट न केवल एक विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह सरकारी कर्मचारियों, देश के किसानों, गरीबों और वंचित वर्गों के लिए समृद्धि और खुशहाली के नए अवसर भी लेकर आया है।
स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर के प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने इस बजट को भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम बताया। उन्होंने कहा, “यह बजट न केवल आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि समाज के हर वर्ग के समग्र विकास का ध्यान रखते हुए सामाजिक न्याय भी सुनिश्चित करेगा। किसान, गरीब और वंचित वर्ग के लिए इस बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं, और मैं मोदी सरकार का आभार व्यक्त करता हूं।” उन्होनं बताया कि मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत से प्रेरित इस बजट में एक ओर जहां किसानों के लिए आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है, वहीं प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का शुभारंभ भी किया गया है। इस योजना के तहत 100 कृषि जिलों का विकास और 1.7 करोड़ किसानों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा। किसानों को सस्ते और कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए क्रेडिट कार्ड सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इसके साथ ही, बिहार में मखाना उत्पादन के लिए एक विशेष बोर्ड का गठन किया जाएगा, जो किसानों के लिए अहम साबित होगा और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा। इसके अतिरिक्त, इस बजट में सरकारी कर्मचारियों और मध्यम वर्ग के आयकर में सुधार किया गया है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। गरीबों के लिए आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, कृषि एवं ग्रामीण विकास, शहरी विकास, आधारभूत संरचना और जल जीवन मिशन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा। इसके अलावा, वित्तीय अनुशासन को भी प्राथमिकता दी गई है, और मध्यम वर्ग के लिए सौर ऊर्जा की व्यवस्था की योजना बनाई गई है। यह बजट भारत की समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।