गाजीपुर। स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर में पूर्व शोध प्रबन्ध प्रस्तुत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का आयोजन महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के सहयोग से महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में किया गया। जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी, और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
इस संगोष्ठी में कला संकाय के अंतर्गत समाजशास्त्र विषय के शोधार्थी प्रीतम कुमार यादव ने अपने शोध प्रबंध का प्रस्तुतिकरण किया, जिसका शीर्षक था “जनसंचार माध्यमों का युवाओं पर प्रभाव: एक समाजशास्त्रीय अध्ययन”। अपने शोध प्रबंध में उन्होंने बताया कि जनसंचार माध्यमों का युवाओं पर गहरा और व्यापक प्रभाव पड़ता है। आधुनिक तकनीकी और इंटरनेट के युग में सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब ने युवाओं के सामाजिक व्यवहार और जीवनशैली को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सोशल मीडिया, जो वर्तमान में जनसंचार के सबसे पसंदीदा साधनों में से एक है, ने युवाओं को एक ऐसा प्लेटफार्म प्रदान किया है, जहां वे अपने विचार, समाचार, और सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं। यादव ने यह भी बताया कि जबकि जनसंचार माध्यमों ने सामाजिक, सांस्कृतिक, और शैक्षिक विकास को बढ़ावा दिया है, वहीं इसके अत्यधिक उपयोग से युवाओं में निराशा, अकेलापन और मानसिक समस्याओं का भी विकास हो रहा है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि युवाओं को मोबाइल और सोशल मीडिया के उपयोग में सावधानी बरतने की आवश्यकता है और परिवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सोशल मीडिया के बजाय एक दूसरे के साथ समय बिताने की आदत डालें। प्रस्तुतिकरण के बाद, विभागीय शोध समिति और अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के सदस्यों सहित अन्य प्राध्यापकों और शोधार्थियों ने शोध प्रबंध पर सवाल पूछे, जिनका शोधार्थी ने संतोषजनक और उचित उत्तर दिया। अंत में, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे. (डॉ.) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबंध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान की। संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्रमुख प्राध्यापक गण, शोध निर्देशकों, और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही। संगोष्ठी के समापन पर डॉ. रुचिमूर्ति सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।