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सड़क सुरक्षा माह जो एआरटीओ विभाग के द्वारा 1 जनवरी से 31 जनवरी तक मनाया जाना है। इसी क्रम में आज बिना हेलमेट के चलने वाले बाइक सवार को माला पहनकर और गुलाब का फूल देकर जागरूक करने का काम पुलिस और आरटीओ विभाग के साथ ही अपराध निरोधक समिति के सदस्यों के द्वारा किया जा रहा था। इसी दौरान एक बुजुर्ग जिसे लगा कि वाहन चेकिंग चल रहा है और वह इतना घबरा गया की पुलिस और एआरटीओ विभाग के द्वारा पहनाए जाने वाला माला और गुलाब का फूल लेने से इनकार करने लगा। तब खींझकर एआरटीओ ने अपने कर्मचारियों से बुजुर्ग की चालान करने की धमकी दे डाला।
सड़क पर लगातार होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए परिवहन विभाग के द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह 1 जनवरी से 31 जनवरी तक चलाया जा रहा है । तो वही बुधवार यानी की 8 जनवरी को राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के रूप में मनाया जाता है । जिसको लेकर एआरटीओ विभाग के द्वारा लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से यातायात जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिसे पुलिस अधीक्षक डॉ ईरज राजा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । यह यातायात जागरूकता यात्रा शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए गाजीपुर के रौज़ा तिराहे पर पहुंचा। जहां पर एआरटीओ विभाग के अधिकारियों पुलिस अधिकारियों के साथ ही उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति के सदस्यों के द्वारा बगैर हेलमेट चलने वाले बाइक सवार और बगैर सीट बेल्ट के चलने वाले चार पहिया वाहन चालकों को जागरूक करने का कार्य किया गया।
इस दौरान जिन लोगों के द्वारा सीट बेल्ट नहीं लगाया गया था या फिर जिन लोगों के द्वारा बिना हेलमेट लगाए बाइक चलाई जा रही थी। उन लोगों को गांधीवादी तरीके से माला पहनकर और गुलाब का फूल देकर आगे से हेलमेट पहन कर चलने की हिदायत दी जा रही थी।
इसी कार्यक्रम के दौरान एक बुजुर्ग जो बगैर हेलमेट लगाए हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गया। जागरूकता यात्रा के तहत लोगों को जागरुक कर रहे लोगों ने जब बुजुर्ग को बाइक चलाने से रोका तब बुजुर्गों को लगा कि उसने बहुत बड़ी गलती कर दी है। और वह काफी डर गया इस दौरान क्षेत्राधिकारी पुलिस लाइन और एआरटीओ रमेश चंद के द्वारा उस बुजुर्ग को माला पहनाया जाने लगा। तब बुजुर्ग ने डर के मारे माला पहनने से इनकार कर दिया इसके बाद उन्हें गुलाब का फूल भी दिया जाने लगा लेकिन उसने फूल भी लेने से इनकार कर दिया। इस दौरान अधिकारियों को लगा की अब उनकी बेइज्जती हो रही है। तब एआरटीओ रमेश चंद ने कड़क आवाज में अपने सिपाहियों से बुजुर्ग का चालान करने का निर्देश दे दिया।
एआरटीओ के द्वारा बुजुर्ग के वाहन के चालान करने का निर्देश पाते ही एआरटीओ के कांस्टेबल सक्रिय तो हुए लेकिन इस दौरान बुजुर्ग का डर और बढ़ गया। और वह अधिकारियों के हाथ जोड़ते हुए माफी मांगने लगा । तब अधिकारियों और अपराध निरोधक समिति के सदस्यों ने बताया कि उनका कोई चालान नहीं हो रहा है। बल्कि वह लोगों को सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर जागरूक कर रहे हैं। इसके बाद बुजुर्ग ने आगे से हेलमेट पहन कर चलने की प्रतिबद्धता जताया।