युद्ध स्तर पर हो रहा ऑनलाइन फीडिंग

युद्ध स्तर पर हो रहा ऑनलाइन फीडिंग

जमानियाँ। दिहाड़ी मजदूरों के भरण पोषण के लिए मासिक भत्ता प्रदान करने के लिए विकास खंड के अधिकारी एवं कर्मचारी युद्ध स्तर पर ऑनलाइन फीडिंग के कार्य में जुटे हुए है। रविवार को छुट्टी के बाद भी गरीबों को मासिक भत्ता यथाशीघ्र उनके खाते में दिलाने के लिए कर्मचारी कार्य पर डटे हुए है। ऑनलाइन फीडिंग होने के तुरन्त बाद एक एक परिवार का भौतिक सत्यापन कर इन लोगों के खाते में एक हजार रुपये की धनराशि सरकार द्वारा भेजी जाएगी।

दिहाड़ी कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले ठेला‚ खोमचा‚ रेहड़ी‚ खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों‚ पंजीकृत श्रमिकों के अतिरिक्त अन्य श्रमिकों दिहाड़ी मजदूरों‚ रिक्शा चालक‚ कुली‚ पल्लेदार‚ नयिक‚ नाई‚ धोबी‚ मोची‚ हलवाई आदि को सरकार की आरे से प्रति परिवार एक हजार रूप की धनराशि प्रतिमाह भरण पोषण भत्ता के रूप में प्रदान किया जाना है। यह धनराशि निःशुल्क राशन के अतिरिक्त होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में दैनिक कार्य करने वाले पात्र लोगों के सत्यापन की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग को सौपा गया है। जिला पंचायत राज अधिकारी इसके नोडल अधिकारी होगे। वही नगरीय क्षेत्रों में दैनिक कार्य करने वाले पात्र लोगों के सत्यापन की जिम्मेदारी नगर विकास विभाग को सौपा गया है, जिसके नोडल अधिकारी नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी होगे। जबकि प्रवासी श्रमिकों, कामगारों, मजदूरों के साथ नाविकों का डाटा संकलन की जिम्मेदारी राजस्व विभाग को दिया गया है। जिसके नोडल अधिकारी अपर जिलाधिकारी को बनाया गया है। डाटा संकलन एवं संकलित डाटा राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर फीड किया जा रहा है। नोडल अधिकारी द्वारा त्रुटि हीन सत्यापन का प्रमाण पत्र देने के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से राहत आयुक्त को भेजा जायेगा। सभी लाभार्थियों को धनराशि कोषागार से ई-कुबेर प्रणाली के माध्यम से भेजा जायेगा। यह कार्य तहसील कार्यालय व नगर पालिका कार्यालय में भी युद्ध स्तर पर किया जा रहा है ताकि कोई भी पात्र वंचित न रह सके। इस संबंध में बीडीओ हरिनरायन ने बताया कि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने और उनके हितों को ध्यान में रख कर सरकार ने प्रदेश में आयोग गठित किया। वर्तमान समय में डाटा फीडिंग का कार्य चल रहा है। इसके लिए नामित चार बीएमएम के अलावा करीब 6 लोगों को लगाया गया है। ताकि कार्य जल्द से जल्द पूर्ण किया जा सकें और पात्रों को लाभ दिलाया जा सकें।