चैतन्य देवियों की झांकी बना आकर्षण का केन्द्र

चैतन्य देवियों की झांकी बना आकर्षण का केन्द्र

जमानियाँ (गाजीपुर)। स्थानीय ब्लाक मुख्यालय पर गुरुवार को प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वाधान में दशहरा पर्व पर तीन दिवसीय चैतन्य देवियों की झांकी, चरित्र निर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी और राजयोग शिविर का शुभारम्भ मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के सुपुत्र रितेश सिंह ने फीता काटकर व दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उद्घाटन के पश्चात चैतन्य देवियों की झांकी आकर्षण का केन्द्र बना रहा।
इस दौरान उन्होंने ने कहा कि चैतन्य देवियों में जो एकाग्रता दिखाई दे रही है, वह राजयोग के अभ्यास से ही संभव है। विश्वविद्यालय मानव चरित्र के निर्माण में महती भूमिका निभाते हुए मानव में निहित पांच विकार काम, क्रोध, मोह, लोभ और अहंकार से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। समाज में व्याप्त सभी बुराईयां का अन्त तभी सम्भव है जब मानव में मानवता के गुणों का समावेश होगा।
कर्णप्रिय व मधुर ध्वनि, सुरम्य सांज-सज्जा एवं प्रकाश के अदभुत समागम से सनातन शिव की शक्ति, राजयोग, अभ्यासरत ब्रह्माकुमारी बहनों को चैतन्य देवियों के नौ रूपों में जड़वत विराजित दिखाया गया। माँ दुर्गा के नौ रूपों का दर्शन कर जनसमूह अलौकिक भाव विह्वल हो गया। झॉकी का उद्देश्य व्यक्ति के मन की कलुषित विकृति जैसे भय, क्रोध, बुरे विचार और अवगुण ही महिषासुर राक्षस का स्वरूप है। जिसे मां दुर्गा ने संहार किया था। माँ के समान गुणवान व शक्ति से परिपूर्ण, मानव को बेहतर बनाने की कोशिश की गयी।
चैतन्य झांकी में विभिन्न भूमिकाओं में मॉ दुर्गा के रूप में शिवांगी, लक्ष्मी के रुप में अनन्या, सरस्वती के रूप में ममता, काली के रूप में प्रकृति, ज्ञान गंगा के रुप में दीक्षा, गणेश के रुप प्रियदर्शी, कार्तिक के रूप में अराधना ब्रह्मकुमारी बहने थी। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की संचालिका काजल ने बताया कि कल्प पूर्व मां दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी एवं ज्ञान गंगाएं जो चैतन्य स्वरूपा शिव शक्तियां थीं, जिन्होंने आध्यात्मिक क्रांति लाकर मानव को संस्कारित करते हुए जगत उत्तम बनाया था। इनके यादगार स्वरूप चैतन्य देवियों की झांकी लगायी जाती है। चैतन्य देवियां राजयोगिनी ब्रह्माकुमारियां हैं। इन्हें राजयोग के अभ्यास से निराकार परमात्मा शिव की एकाग्रता की शक्ति प्राप्त है। उन्होंने बताया कि दशमी तक प्रतिदिन उक्त स्थल पर झांकियां प्रदर्शित की जायेंगी।
इस कार्यक्रम को बेहतर बनाने के लिए ब्रह्माकुमारी मेधा, रीता, शीला, इन्दू, विनोद, अरविन्द, प्रभु नारायण का विशेष योगदान रहा। उक्त मौके पर तौकीर खाँ, धर्मेन्द्र पाण्डेय, राजू कुशवाहा, मुकेश यादव सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।