
जमानियां। क्षेत्र के बरुईन गांव की प्रतिभाशाली तीरंदाज अमीषा चौरसिया ने अपनी लगन और कठिन परिश्रम के बल पर बड़ी सफलता हासिल की है। मात्र तीन वर्षों के अथक प्रयास से अमीषा का चयन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में हो गया है, जिससे पूरे जिले में खुशी की लहर है। अब अमीषा न केवल खेल के क्षेत्र में अपना योगदान देंगी, बल्कि देश की सेवा भी करेंगी।
अशोक चौरसिया और सीमा चौरसिया की सुपुत्री अमीषा ने वर्ष 2022 में तीरंदाजी के क्षेत्र में कदम रखा था। उन्होंने जमानियां स्थित ‘द्रोणा तीरंदाजी अकादमी’ में दाखिला लिया और गुरु सतीश दुबे के कुशल मार्गदर्शन में तीरंदाजी का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। कोच के सटीक मार्गदर्शन और अमीषा के अटूट अनुशासन ने उन्हें बहुत कम समय में ही सफलता की ऊँचाइयों पर पहुंचा दिया। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं, राष्ट्रीय रैंकिंग टूर्नामेंट और अंतरराष्ट्रीय चयन स्पर्धाओं में शानदार प्रदर्शन किया है। राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी उनके अचूक निशाने और शांत स्वभाव ने उन्हें एक बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में पहचान दिलाई। बीएसएफ में चयन होने पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए अमीषा ने कहा, “यह मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। मैं हमेशा से ही अपने देश की सेवा करना चाहती थी और अब यह अवसर मुझे तीरंदाजी के माध्यम से मिल रहा है।” उन्होंने बताया कि यह मुकाम उन्होंने केवल तीन साल की कड़ी मेहनत और अनुशासन के बलबूते पर हासिल किया है। अमीषा ने अपने माता-पिता, कोच और सभी शुभचिंतकों का आभार व्यक्त किया, विशेष रूप से कोच सतीश दुबे का, जिन्होंने अपने कठिन परिश्रम और सही मार्गदर्शन से उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। गाजीपुर तीरंदाजी संघ के सचिव नंदू दुबे ने अमीषा की इस उपलब्धि पर गहरी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह चयन न केवल जिले के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने विश्वास जताया कि अमीषा बीएसएफ में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगी और उनकी यह सफलता अन्य युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगी। कोच सतीश दुबे के लिए यह एक भावुक पल था। उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र के युवाओं को सही दिशा देना और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचते देखना मेरे लिए गर्व की बात है। अमीषा की सफलता यह साबित करती है कि यदि सही मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत हो, तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।” अमीषा जल्द ही बीएसएफ की ट्रेनिंग अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी और उसके बाद देश की सीमाओं की सुरक्षा में अपना योगदान देंगी। उनकी इस शानदार सफलता से गाजीपुर जिले सहित पूरे प्रदेश में उत्साह और गर्व का माहौल है।