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जमानिया। विश्व रेडियो दिवस इस वर्ष जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों के प्रति जागरूकता को समर्पित किया गया है। वर्तमान समय में जलवायु संकट गहराता जा रहा है, और इसे नियंत्रित करने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, पेरिस समझौते के तहत ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में तेजी से कटौती आवश्यक है।
रेडियो, जो आज भी दुनिया के सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद संचार माध्यमों में से एक है, जलवायु परिवर्तन की जानकारी प्रसारित करने और लोगों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। डिजिटल युग में सोशल मीडिया और अन्य तकनीकी साधनों के बढ़ते प्रभाव के बावजूद, रेडियो एक ऐसा माध्यम है जो कम लागत में व्यापक स्तर पर सटीक और विश्वसनीय सूचना प्रदान करता है। पर्यावरणविदों और मीडिया विशेषज्ञों का मानना है कि रेडियो न केवल पर्यावरणीय मुद्दों को समझाने का एक प्रभावी माध्यम है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन से जुड़े वैज्ञानिक तथ्यों, सरकारी नीतियों, और सतत विकास के उपायों को जन-जन तक पहुंचाने में भी मदद करता है। इसके माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोग मौसम परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उपायों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। रेडियो के माध्यम से मौसम परिवर्तन, जल संकट और पर्यावरणीय असंतुलन पर प्रामाणिक डाटा एकत्र कर, विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए जागरूकता बढ़ाई जा सकती है। जलवायु परिवर्तन पर प्रभावी कदम उठाने और सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
रेडियो एक विश्वसनीय और सुलभ माध्यम है जो कम खर्च में सही एवं निष्पक्ष जानकारी प्रदान कर सकता है। यह जलवायु परिवर्तन के खतरों से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने का प्रभावी जरिया है। रेडियो की व्यापक पहुंच और विश्वसनीयता इसे जलवायु परिवर्तन से जुड़ी सटीक जानकारी फैलाने का एक शक्तिशाली साधन बनाती है।
डॉ. अनिल कुमार सिंह‚ पूर्व प्राचार्य हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय
रेडियो स्टेशन का मुख्य उद्देश्य जनहित की सेवा है। जलवायु परिवर्तन से प्रभावित ग्रामीण और शहरी इलाकों के लोगों को सही जानकारी और समाधान प्रदान करने में रेडियो की अहम भूमिका हो सकती है। सही और निष्पक्ष जानकारी प्रसारित कर हम रेडियो श्रोताओं को जलवायु संकट के खतरों से बचा सकते हैं।
प्रो. अखिलेश कुमार शर्मा‚ हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष