
गाजीपुर। जनपद में इस वर्ष विश्व टीकाकरण सप्ताह 24 अप्रैल से 10 मई 2025 तक मनाया जाएगा। इस वर्ष का मुख्य विषय “सभी के लिए टीकाकरण: मानवता के लिए संभव है” है, जिसका उद्देश्य टीकाकरण की महत्ता को उजागर करते हुए यह संदेश देना है कि सभी लोगों तक टीकाकरण पहुंचाकर जीवन रक्षा की जा सकती है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ रवि रंजन ने इस अवसर पर जानकारी देते हुए बताया कि विश्व टीकाकरण सप्ताह के दौरान जनपद में विशेष टीडी (टिटेनस और डिप्थीरिया) टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान विशेष रूप से उन बच्चों के लिए है जो नियमित टीकाकरण से वंचित रह गए हैं। स्कूलों में यह टीकाकरण पूरी तरह से निशुल्क किया जाएगा। डॉ. रवि रंजन ने बताया कि आशा और एएनएम कार्यकर्ता घर-घर जाकर टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों की पहचान करेंगी और इन सभी बच्चों का विवरण यू-विन पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नियमित टीकाकरण के दौरान सैकड़ों बच्चे टीडी का टीका नहीं लगवा पाए हैं। अब स्वास्थ्य विभाग ऐसे बच्चों को टिटनेस और डिप्थीरिया जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए यह विशेष अभियान चला रहा है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिषदीय विद्यालय, माध्यमिक परिषद, वित्तविहीन विद्यालय और सभी निजी विद्यालयों में टीकाकरण के विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। स्कूल आधारित टीकाकरण सत्र बुधवार और शनिवार को छोड़कर सप्ताह के अन्य दिनों (सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार) में आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक एएनएम अपने कार्यक्षेत्र के अनुसार टीकाकरण की कार्य योजना तैयार करेंगी। अभियान के तहत स्कूलों में कक्षा पांच (10 वर्ष आयु) के बच्चों को टीडी-10 का टीका और कक्षा दसवीं (16 वर्ष आयु) के बच्चों को टीडी-16 का टीका लगाया जाएगा। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील कुमार पांडेय ने जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) और बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को सहयोग के लिए पत्र जारी किया है। इसके साथ ही सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के अधीक्षकों और शहरी क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के नोडल अधिकारियों को भी इस अभियान में पूर्ण सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कोई भी बच्चा टीडी टीकाकरण से वंचित न रहे। डॉ. रवि रंजन ने टीकाकरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 1974 से अब तक टीकाकरण ने विश्व स्तर पर लगभग 154 मिलियन लोगों के जीवन को बचाया है, यानी हर मिनट में लगभग 6 जीवन। टीकाकरण ने शिशु मृत्यु दर में 40% की कमी की है और बच्चों को अपना पहला जन्मदिन देखने का अवसर मिला है। खसरा के टीके ने अकेले 60% जीवन बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि मलेरिया, एचपीवी, हैजा, डेंगू, मेनिनजाइटिस, आरएसवी और इबोला जैसे नए टीके भी अब लोगों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। साल 2020 में आई कोरोना महामारी के दौरान विकसित कोरोना वैक्सीन ने भी दुनियाभर में अरबों लोगों को इस वायरस के खतरनाक प्रभावों से बचाया है। डॉ. रवि रंजन ने बताया कि टीकाकरण न होने पर बच्चों में खसरा, मम्प्स, रूबेला, पोलियो, डिप्थीरिया, टेटनस, इन्फ्लूएंजा, निमोनिया और कोविड-19 जैसी बीमारियां हो सकती हैं, वहीं मेनिनजाइटिस, रेबीज और हैजा जैसी घातक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वे इस विशेष टीकाकरण अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपने बच्चों को टीडी का टीका अवश्य लगवाएं, ताकि उन्हें इन गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखा जा सके।