
गाजीपुर। बच्चों की उचित देखभाल, संरक्षण, विकास और पुनर्वास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गाजीपुर पुलिस को यूनिसेफ के सहयोग से बाल संरक्षण और किशोर न्याय अधिनियम-2015 के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन के आदेश के अनुपालन में, पुलिस अधीक्षक गाजीपुर द्वारा आज पुलिस लाइन गाजीपुर के सभागार में बाल संरक्षण/किशोर न्याय अधिनियम-2015 पर एक दिवसीय प्रशिक्षण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपर पुलिस अधीक्षक नगर और जनपद के सभी क्षेत्राधिकारियों के साथ-साथ सभी थाना प्रभारी/वरिष्ठ उप निरीक्षक, थानों पर तैनात बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, एसजेपीयू प्रभारी/थाना एएचटीयू प्रभारी और प्रत्येक थाने से महिला मुख्य आरक्षी/आरक्षी ने सक्रिय रूप से भाग लिया। प्रशिक्षण में यूनिसेफ के कर्मचारियों, बाल संरक्षण अधिकारी, सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) के सदस्यों और किशोर न्याय बोर्ड के प्रमुख अधिकारियों व कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश और प्रशिक्षण प्रदान किया। इस दौरान छोटे अपराध, गंभीर अपराध, जघन्य अपराध, किशोर न्याय अधिनियम की धारा 94 के तहत उम्र का निर्धारण, दंड के प्रावधान और उनका प्रयोग, बच्चों के राहत और पुनर्वास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में पॉक्सो एक्ट के मुकदमों में पीड़िता को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने की प्रक्रिया, पॉक्सो मामलों में प्रारूप क और ख भरने की विधि, किशोर न्याय बोर्ड से जारी समन की तामील, नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान, धारा 77 व धारा 78 का क्रियान्वयन, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी/विवेचक के समक्ष आने वाली समस्याएं, बाल श्रम और बाल विवाह की रोकथाम जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बाल संरक्षण के क्षेत्र में पुलिस की संवेदनशीलता और दक्षता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।