जमानियाँ। गंगा का ऊफान थम गया है। सुबह 10 बजे से ही जलस्तर स्थिर है। बढ़े जलस्तर के कारण तटवर्ती इलाकों में आफत अभी भी बरकरार है। बाढ़ का आबादी क्षेत्रों सहित सम्पर्क मार्ग को भी अपने आगोश में ले लिया है।
गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 1.575 मीटर उपर हो गया है। खतरा का निशान 63.105 मीटर से शुक्रवार को शाम चार बजे तक गंगा का जलस्तर 64.680 मीटर ही था। सुबह 10 बजे से ही जलस्तर स्थिर बना हुआ है।क्षेत्र के ग्राम हरपुर, कालनपुर, देवरिया, राघोपुर, खिदिरपुर, मतसा, चितावनपट्टी, जीवपुर आदि ग्राम के पास एन एच तक पानी पहँच गया। एन एच के बाये तरफ पूरा बाड़ क्षेत्र बाढ़ के पानी से पूरी तरह तबाह हो चुका है। मतसा बाड़, मंझरिया बाड़, रघुनाथ बाड़, जीवपुर बाड़, सब्बलपुर बाड़, देवरिया बाड़, सब्बलपुर खुर्द, रामपुर पट्टी, सरनाम खा, कालनपुर, जगदीशपुर, मलसा‚ देवरिया‚ पाह सैय्यदराजा‚ चितावनपट्टी‚ राघोपुर आबादी क्षेत्रों में बाढ़ आ चुका है। बाढ़ की त्रासदी झेल रहे लोग काफी परेशान दिखाई दे रहे है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के कुछ लोग बाढ़ राहत शिविर में शरण लिए हुए है। चारो तरफ बाढ़ से घिरे लोग पशुओं को लेकर ऊँचे स्थान पर पहुँच चुके है। बाढ़ के कारण हरा चारा व भूसा भीग जाने के कारण पशुपालक काफी परेशान है। ग्रामीण प्रशासन से लगातार नाव व भूसा की मांग कर रहे है लेकिन मांग के सापेक्ष नाव न मिलने से लोगों की ब्यथा बढ़ती जा रही है तथा अभी तक प्रशासन भूसा का इंतजाम नही कर पाया है।