जमानियां (गाजीपुर)। कर्मनाशा नदी का जलस्तर बुधवार की दोपहर अचानक बढ़ने से क्षेत्र के तटवर्ती इलाकों के गाँवों में बाढ़ का पानी तीब्र गति से घुसने लगा है तथा देखते ही देखते तटवर्ती ग्राम गायघाट, धुस्का बाढ़ से घिर गये तथा देवढ़ी गॉव तक पहुँच गया। जबकि जबुरना, घरोहिया, रोहुणा, घरोहिया सहित अन्य गॉवों के खेतों तक बाढ़ तेजी से फैल गया। कर्मनाशा नदी की भयावह विभीषिका से तटवर्ती इलाके के लोग भयभीत हो गये। गुरुवार की सुबह से जलस्तर स्थिर होने से लोगों ने राहत की सांस ली।
प्रशासन बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राशन सहित अन्य सुविधा मुहैया कराते हुए लगातार चक्रमण कर स्थिति पर नजर बनाये हुए है।
कर्मनाशा के कहर से गायघाट गॉव में बाढ़ का पानी चारों तरफ फैल गया है तथा सम्पर्क मार्ग डूब गया है। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ पशुपालक अपने पशुओं को बचाने के लिए चारा लेकर गॉव से बाहर सड़क पर आश्रय लिये हुए है तथा कुछ पशुपालक सुरक्षित स्थान पर अपने पशुओं को बांधे हुए है। बाढ़ से ग्रामीणों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन द्वारा मुसहर बस्ती के लोगों को राशन दिया गया है जबकि गॉव में बाढ़ से परेशान असहाय लोगों को कुछ भी नसीब नहीं हुआ है। वही धुस्का गॉव में मुसहर बस्ती सहित नदी किनारे मल्लाह बस्ती पूरी तरह से बाढ़ के चपेट में आ गई है। सभी पीड़ित लोग अपने घर-गृहस्थी का सामान व पशुओं को लेकर प्राथमिक विद्यालय पर शरण लिये हुए है। राजस्व कर्मी सहित स्वास्थ्य विभाग मौके पर डट कर बाढ़ पीड़ितों की मदद में कोई कोताही नहीं बरत रहे है। देवढ़ी ग्राम स्थित राम-जानकी मंदिर बाढ़ से पूरी तरह घिर गया है तथा गॉव के किनारे तक पानी पहुँच गया है। बाढ़ के कारण ग्रामीणों की परेशानियां काफी बढ़ गई है। कर्मनाशा के तटवर्ती गाँवों के लोग जलस्तर स्थिर होने से कुछ राहत की सांस लिये है लेकिन भयातुर है कि फिर न पानी बढ़ने लगे।
ज्ञात हो कि बीते 16 सितम्बर को शाम 5 बजे नौगढ़ बांध से 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। मूसाखाड़ बांध का जलस्तर भी अपने क्षमता को पार कर लिया है। यह पानी लतीफ साह बांध से होते हुए कर्मनाशा नदी के जलस्तर को बढ़ा दिया। उपजिलाधिकारी अभिषेक कुमार राजस्व टीम के साथ लगातार बाढ़ प्रभावित गॉवों का दौरा कर बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों को जरूरी संसाधन मुहैया कराने में जुटे हुये है। उन्होंने बताया कि आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए राहत और बचाव दल को मुस्तैद है, तथा कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे सक्रिय है। शरणालय पर राजस्वकर्मी सहित स्वास्थ्यकर्मी की तैनाती की गई है। बाढ़ पीड़ितों का हर सम्भव मदद किया जा रहा है।